कोलकाता।। चिटफंड कंपनी के डूब जाने पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया और इसके लिए विशेष जांच दल बनाया।
एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद ममता ने संवाददाताओं से कहा कि पुलिस महानिदेशक की अगुवाई में एसआईटी मामले की जांच करेगी और यह जांच जांच आयोग कानून के तहत की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चिटफंड कंपनियों के संचालन को प्रतिबंधित करने के लिए सख्त अध्यादेश के लिए मसौदा तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि रविवार को जब राष्ट्रपति ने उनकी तबीयत के बारे में जानने के लिए उन्हें फोन किया था तब उन्होंने उनसे कहा था कि चिटफंड कंपनियों के संचालन को प्रतिबंधित करने के लिए पिछली वाममोर्चा सरकार द्वारा पारित विधेयक लौटाया जाए ताकि राज्य सरकार ऐसी अवैध गतिविधियों से निबटने के लिए उसमें कड़े प्रावधान शामिल कर सके।
उन्होंने कहा, ''वर्ष 2009 में वाममोर्चा सरकार द्वारा अग्रसारित विधेयक यदि 24 घंटे के अंदर लौटाया जाता है तो हमारी सरकार तत्काल अध्यायदेश की उद्घोषणा कर देगी।''
ममता ने आरोप लगाया कि वाममोर्चा सरकार ने जो कानून प्रस्तावित किया था, उसमें कुछ गड़बड़ियां है और चिटफंड कंपनियां उसके ही शासनकाल में फली फूलीं।''
उन्होंने कहा कि चिटफंड की अवैध गतिविधियों पर अंकुश पाने के लिए कड़े कानून जरूरी हैं और चूंकि उनका संचालन केंद्रीय कानूनों द्वारा शासित है न कि राज्य सरकार द्वारा, ऐसे में जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर आती है।
स्थिति पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ''पिछले कुछ साल से कुछ चिटफंड कंपनियां गरीब निवेशकों को हाई रिटर्न का वादा कर उन्हें ठग रही हैं।'' सारदा प्रकरण से हजारों निवेशकों पर गंभीर असर पड़ा है। उन्होंने कहा, ''मैं बहुत सख्त हूं और यदि केंद्र पिछली वाममोर्चा सरकार द्वारा अग्रसारित कानून हमें 24 घंटे के अंदर लौटा देता है तो हम देखेंगे कि यह धन कैसे निवेशकों को लौटाया जा सकता है।''
ममता ने कहा नए कानून में संपत्ति जब्त करने, निरीक्षण, तलाशी आदि के लिए प्रावधान होंगे ताकि गरीब निवेशकों को उनका पैसा वापस मिले। उन्होंने कहा कि विधाननगर थाने, सीआईडी और कोलकाता पुलिस ने शारदा ग्रुप के अध्यक्ष सुदीप्त सेन को गिरफ्तार करने की कोशिश की लेकिन वह भाग गया।
जब ममता से पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस सारदा ग्रुप के साथ कथित संबंधों को लेकर दो सांसदों के खिलाफ कार्रवाई करेगी, उन्होंने कहा, ''जब वे वहां थे, तब वे सांसद नहीं थे। कानून अपना काम करेगा। हमारी सरकार पारदर्शी हैं। यदि कोई अपराध करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'' उन्होंने कहा कि कई पूर्व माकपा मंत्रियों एवं कई पत्रकारों के खिलाफ भी जांच की जा रही है।
ममता ने सारदा ग्रुप मीडिया सीईओ पद से इस्तीफा देने वाले राज्यसभा सदस्य कुणाल का नाम लिए बगैर कहा, '''यदि सांसद ने गलत किया है तो कानून अपना काम करेगा।'' एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, ''मुझे नहीं मालूम कि उन्होंने निवेशकों से कितना धन एकत्र किया है, चाहे वह 1000 करोड़ है या एक लाख करोड़। लेकिन हमें इस विषय पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।'
साभार
भाषा | Apr 22, 2013, 07.46PM IST
http://navbharattimes.indiatimes.com/other-cities/kolakata/sharda-group-chit-fund-case-mamata-makes-sit/articleshow/19679974.cms
एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद ममता ने संवाददाताओं से कहा कि पुलिस महानिदेशक की अगुवाई में एसआईटी मामले की जांच करेगी और यह जांच जांच आयोग कानून के तहत की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चिटफंड कंपनियों के संचालन को प्रतिबंधित करने के लिए सख्त अध्यादेश के लिए मसौदा तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि रविवार को जब राष्ट्रपति ने उनकी तबीयत के बारे में जानने के लिए उन्हें फोन किया था तब उन्होंने उनसे कहा था कि चिटफंड कंपनियों के संचालन को प्रतिबंधित करने के लिए पिछली वाममोर्चा सरकार द्वारा पारित विधेयक लौटाया जाए ताकि राज्य सरकार ऐसी अवैध गतिविधियों से निबटने के लिए उसमें कड़े प्रावधान शामिल कर सके।
उन्होंने कहा, ''वर्ष 2009 में वाममोर्चा सरकार द्वारा अग्रसारित विधेयक यदि 24 घंटे के अंदर लौटाया जाता है तो हमारी सरकार तत्काल अध्यायदेश की उद्घोषणा कर देगी।''
ममता ने आरोप लगाया कि वाममोर्चा सरकार ने जो कानून प्रस्तावित किया था, उसमें कुछ गड़बड़ियां है और चिटफंड कंपनियां उसके ही शासनकाल में फली फूलीं।''
उन्होंने कहा कि चिटफंड की अवैध गतिविधियों पर अंकुश पाने के लिए कड़े कानून जरूरी हैं और चूंकि उनका संचालन केंद्रीय कानूनों द्वारा शासित है न कि राज्य सरकार द्वारा, ऐसे में जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर आती है।
स्थिति पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ''पिछले कुछ साल से कुछ चिटफंड कंपनियां गरीब निवेशकों को हाई रिटर्न का वादा कर उन्हें ठग रही हैं।'' सारदा प्रकरण से हजारों निवेशकों पर गंभीर असर पड़ा है। उन्होंने कहा, ''मैं बहुत सख्त हूं और यदि केंद्र पिछली वाममोर्चा सरकार द्वारा अग्रसारित कानून हमें 24 घंटे के अंदर लौटा देता है तो हम देखेंगे कि यह धन कैसे निवेशकों को लौटाया जा सकता है।''
ममता ने कहा नए कानून में संपत्ति जब्त करने, निरीक्षण, तलाशी आदि के लिए प्रावधान होंगे ताकि गरीब निवेशकों को उनका पैसा वापस मिले। उन्होंने कहा कि विधाननगर थाने, सीआईडी और कोलकाता पुलिस ने शारदा ग्रुप के अध्यक्ष सुदीप्त सेन को गिरफ्तार करने की कोशिश की लेकिन वह भाग गया।
जब ममता से पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस सारदा ग्रुप के साथ कथित संबंधों को लेकर दो सांसदों के खिलाफ कार्रवाई करेगी, उन्होंने कहा, ''जब वे वहां थे, तब वे सांसद नहीं थे। कानून अपना काम करेगा। हमारी सरकार पारदर्शी हैं। यदि कोई अपराध करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'' उन्होंने कहा कि कई पूर्व माकपा मंत्रियों एवं कई पत्रकारों के खिलाफ भी जांच की जा रही है।
ममता ने सारदा ग्रुप मीडिया सीईओ पद से इस्तीफा देने वाले राज्यसभा सदस्य कुणाल का नाम लिए बगैर कहा, '''यदि सांसद ने गलत किया है तो कानून अपना काम करेगा।'' एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, ''मुझे नहीं मालूम कि उन्होंने निवेशकों से कितना धन एकत्र किया है, चाहे वह 1000 करोड़ है या एक लाख करोड़। लेकिन हमें इस विषय पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।'
साभार
भाषा | Apr 22, 2013, 07.46PM IST
http://navbharattimes.indiatimes.com/other-cities/kolakata/sharda-group-chit-fund-case-mamata-makes-sit/articleshow/19679974.cms
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