कोलकाता।। पश्चिम बंगाल में चिट फंड कंपनी शारदा ग्रुप के रातोंरात बंद होने से हजारों निवेशकों के साथ-साथ उसके एजेंट्स भी सड़क पर आ गए हैं। निवेशकों के अपनी जीवनभर की गाढ़ी कमाई डूबने, तो एजेंट्स के रातोंरात लाखों रुपये की देनदारी आने से होश उड़े हुए हैं। इसके सदमे में कंपनी के एक और एजेंट ने खुदकुशी की कोशिश की है। उधर, शारदा ग्रुप के एमडी सुदीप्तो सेन समेत तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। सुदीप्तो सेन को हर हाल में अरेस्ट करने के लिए ममता बनर्जी सरकार पर भारी दबाव था।
जानकारी के मुताबिक कंपनी की एजेंट 28 साल की तापसी सिन्हा ने नींद की गोलियां खाकर खुदकुशी की कोशिश की। उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। तापसी के ऊपर 5 लाख 30 हजार रुपये की देनदारी है। तापसी और उनके पति नंदन सिन्हा शारदा के एजेंट थे। गौरतलब है कि इससे पहले दक्षिण 24 परगना के बारूईपुर में जीवनभर की गाढ़ी कमाई से हाथ धो देने वाली महिला ने शनिवार को खुद को आग लगा ली। रविवार को अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इसके अलावा जिले में ही एक एजेंट ने जहर खा लिया। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
ममता ने तोड़ी चुप्पी, दिए जांच के आदेशः आरोप है कि अकेले शारदा ग्रुप ने ही पश्चिम बंगाल में लोगों के 20 हजार करोड़ रुपये डकार लिए हैं। इस मामले में ममता सरकार बुरी तरह घिरी हुई है। सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने मामले की जांच के लिए प्रदेश के डीजीपी के नेतृत्व में विशेष जांच दल गठित किया। सचिवालय में बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि शारदा मामले की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच आयोग भी गठित होगा।
हाई कोर्ट पहुंचा मामला, सीबीआई जांच की मांगः उधर यह मामला हाई कोर्ट भी पहुंच गया है। वकील सुब्रत मुखर्जी ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अरुण कुमार मिश्र की अदालत में सोमवार को जनहित याचिका दायर की। कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया था। लाखों लोगों को सड़क पर लाने वाले इस घोटाले की की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने साथ ही कंपनी की प्रॉपर्टी नीलाम कर निवेशकों के रुपये चुकाने की भी मांग की है। हुगली व हावड़ा जिले के एक दर्जन निवेशकों ने भी हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
घेरे में सत्ताधारी तृणमूलः शारदा ग्रुप के एमडी और तृणमूल पार्टी के सांसद सुदीप्तो सेन कुछ दिन से फरार हैं। कंपनी के दफ्तर के बंद होने के बाद इससे प्रभावित लोग तृणमूल को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। तृणमूल पार्टी के जनरल सेक्रेटरी और पूर्व रेलवे मंत्री मुकुल रॉय को मामले में सफाई देनी पड़ी है। विपक्ष भी इस मुद्दे को भुनाने की तैयारी में है।
मन क्यों न फिसले इन ऑफर्स पर
-सागौन से जुड़े बॉन्ड्स में निवेश से25 साल में रकम 34 गुना करने का ऑफर
-आलू के ट्रेड में निवेश के जरिए 15 महीने में रकम दोगुनी करने का ऑफर
साभार
नवभारतटाइम्स.कॉम | Apr 23, 2013, 05.08PM IST
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/19692802.cms
जानकारी के मुताबिक कंपनी की एजेंट 28 साल की तापसी सिन्हा ने नींद की गोलियां खाकर खुदकुशी की कोशिश की। उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। तापसी के ऊपर 5 लाख 30 हजार रुपये की देनदारी है। तापसी और उनके पति नंदन सिन्हा शारदा के एजेंट थे। गौरतलब है कि इससे पहले दक्षिण 24 परगना के बारूईपुर में जीवनभर की गाढ़ी कमाई से हाथ धो देने वाली महिला ने शनिवार को खुद को आग लगा ली। रविवार को अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इसके अलावा जिले में ही एक एजेंट ने जहर खा लिया। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
ममता ने तोड़ी चुप्पी, दिए जांच के आदेशः आरोप है कि अकेले शारदा ग्रुप ने ही पश्चिम बंगाल में लोगों के 20 हजार करोड़ रुपये डकार लिए हैं। इस मामले में ममता सरकार बुरी तरह घिरी हुई है। सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने मामले की जांच के लिए प्रदेश के डीजीपी के नेतृत्व में विशेष जांच दल गठित किया। सचिवालय में बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि शारदा मामले की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच आयोग भी गठित होगा।
हाई कोर्ट पहुंचा मामला, सीबीआई जांच की मांगः उधर यह मामला हाई कोर्ट भी पहुंच गया है। वकील सुब्रत मुखर्जी ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अरुण कुमार मिश्र की अदालत में सोमवार को जनहित याचिका दायर की। कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया था। लाखों लोगों को सड़क पर लाने वाले इस घोटाले की की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने साथ ही कंपनी की प्रॉपर्टी नीलाम कर निवेशकों के रुपये चुकाने की भी मांग की है। हुगली व हावड़ा जिले के एक दर्जन निवेशकों ने भी हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
घेरे में सत्ताधारी तृणमूलः शारदा ग्रुप के एमडी और तृणमूल पार्टी के सांसद सुदीप्तो सेन कुछ दिन से फरार हैं। कंपनी के दफ्तर के बंद होने के बाद इससे प्रभावित लोग तृणमूल को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। तृणमूल पार्टी के जनरल सेक्रेटरी और पूर्व रेलवे मंत्री मुकुल रॉय को मामले में सफाई देनी पड़ी है। विपक्ष भी इस मुद्दे को भुनाने की तैयारी में है।
मन क्यों न फिसले इन ऑफर्स पर
-सागौन से जुड़े बॉन्ड्स में निवेश से25 साल में रकम 34 गुना करने का ऑफर
-आलू के ट्रेड में निवेश के जरिए 15 महीने में रकम दोगुनी करने का ऑफर
साभार
नवभारतटाइम्स.कॉम | Apr 23, 2013, 05.08PM IST
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