नई दिल्ली।। रक्षा मंत्रालय ने 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों के लिए इतालवी
कंपनी अगस्तावेस्टलैंड के साथ सौदे को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक हेलिकॉप्टर कंपनी को 'कारण बताओ नोटिस' जारी कर सात दिन
में जवाब देने को कहा गया है।
इससे पहले बीजेपी नेता किरीट सौमैया ने घोटाले की जांच कर रही एजेंसी
सीबीआई को चिट्ठी लिखी जिसमें राहुल गांधी के करीबी कनिष्क सिंह की घोटाले में
भूमिका की जांच करने की मांग की। चिट्ठी में सोमैया ने कहा है कि इटली के बिचौलिए
हेश्के से कनिष्क के रिश्ते की जांच होनी चाहिए। हालांकि अभी तक सीबीआई की तरफ से
कोई जवाब नहीं आया है। सोमैया के मुताबिक हेलिकॉप्टर सौदा मामले में कनिष्क की अहम
भूमिका हो सकती है। गौरतलब है कि राहुल गांधी और कनिष्क सिंह के बीच अच्छ रिश्ते
हैं।
खबर यह भी है कि शुक्रवार को हेलिकॉप्टर घोटाले में सीबीआई की एक टीम ने
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की। सीबीआई की टीम ने रक्षा मंत्रालय के
अधिकारियों से हेलिकॉप्टर सौदे के बारे में जानकारी ली और यह जानने की कोशिश की कि
इस सौदे से कौन-कौन से लोग सीधे जुड़े थे।
प्रणव मुखर्जी भी सवालों के घेरे में
अगस्तावेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद में रक्षा
मंत्रालय की सफाई से यूपीए सरकार को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। अब
तक इस मामले में कांग्रेस और यूपीए एनडीए सरकार पर आरोप लगाकर अपना पल्ला झाड़ रही
थी लेकिन गुरुवार को रक्षा मंत्रालय ने 3546 करोड़ रुपये की इस
डील की जो फैक्टशीट जारी की है उसके मुताबिक सौदे पर मुहर सन् 2005 में लगी जब प्रणव
मुखर्जी रक्षा मंत्री हुआ करते थे। डील के फाइनल होने के समय एसपी त्यागी एयर चीफ
मार्शल, पूर्व आईपीएस अधिकारी व एसपीजी के मुखिया बीवी वांचू और एमके नारायणन
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे।
मंत्रालय की फैक्टशीट में यह भी कहा गया है कि एनडीए सरकार में तत्कालीन
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा ने 2003 में तब रक्षा सचिव
को टेंडर में 18000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता की शर्त पर ढील देने और इसे घटाकर
14000 फीट करने के लिए चिट्ठी लिखी थी। इसकी वजह यह बताई गई थी कि जिन
अतिविशिष्ट लोगों के लिए ये हेलिकॉप्टर खरीदे जाने थे वे इतनी ऊंचाई पर उड़ान नहीं
भरते हैं और वर्तमान शर्तों पर एक ही कंपनी क्वॉलिफाई कर पा रही थी।
साल भर से क्यों चुप बैठी थी सरकार?
अगस्तावेस्टलैंड से की गई विमान खरीद में घोटाले की भनक सरकार को सालभर
पहले ही लग चुकी थी। इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में
दलाली की भनक यूपीए सरकार को पहले से थी। सवाल है कि इसके बाद भी सरकार चुप क्यों
बैठी रही?
दलाली से जुड़ीं तमाम सूचनाओं और चेतावनियों को अनसुना किया गया। यहां तक
कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भी पिछले साल ही इसकी सूचना रक्षा मंत्रालय को दे दी
थी, मगर उस पर रक्षा मंत्रालय ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। रक्षा मंत्रालय ने
सीबीआई जांच का आदेश मंगलवार को तब दिया, जब इटली में इस मामले में फिकमेकेनिका के
सीईओ की गिरफ्तारी हो गई।
कौन हैं कनिष्क सिंह?
पूर्व विदेश सचिव और राजस्थान के पूर्व गवर्नर स्वर्गीय एस. के. सिंह के
बेटे हैं कनिष्क सिंह। पेशे से कंप्यूटर इंजिनियर कनिष्क ने सेंट स्टीफंस से पढ़ाई
की है। उन्होंने वॉर्टन से एमबीए किया है। 2003 से राजनीति में आए
कनिष्क 2004 से राहुल गांधी के काफी नजदीकी तो हैं ही, सोनिया गांधी के
लिए भी उन्होंने काफी काम किया है। कनिष्क ने चुनाव प्रचार के दौरान सोनिया गांधी
के लिए घर-घर जाकर प्रचार किया था।
साभार
नवभारतटाइम्स.कॉम | Feb 15, 2013, 05.40PM IST
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/18515428.cms
No comments:
Post a Comment