नई दिल्ली।। अगस्तावेस्टलैंड के हेलिकॉप्टर मामले में रक्षा मंत्रालय से शिकायत मिलने के 2 दिन बाद सीबीआई ने शुक्रवार को शिकायत दर्ज की। ऐसा लगता है कि सीबीआई इस मामले में धीमी कार्रवाई कर रही है और वह संदिग्ध लोगों को सबूत खत्म करने का पर्याप्त वक्त दे रही है। सीबीआई इस मामले से जुड़े लोगों से पूछताछ करने का अहम वक्त भी गंवा रही है। इस मामले में जांच के लिए CBI और रक्षा मंत्रालय की टीम रविवार को इटली जाएगी।
सीबीआई ने अभी प्रिलिमिनरी इन्क्वॉयरी (पीई) भी दर्ज नहीं की है, जो कि घोटाले के
मामले में मंत्रालय, कोर्ट या किसी भी बड़ी अथॉरिटी से शिकायत मिलने के बाद पहला कदम होना
चाहिए।
सीबीआई ने इसके लिए बहुत कमजोर बहाना बनाया है कि उसे अभी तक सभी
रिपोर्ट्स नहीं मिली हैं और रक्षा मंत्रालय की शिकायत पीई दर्ज करने के लिए नाकाफी
है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक पीई पहली जानकारी पर ही दर्ज की जाती है और उसके
बाद जांच शुरू की जाती है।
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि उन्होंने इस मामले में भारतीय नागरिकों पर
करप्शन और रिश्वत के आरोपों की जांच के लिए शिकायत दर्ज कर ली है। हालांकि सूत्रों
ने कहा कि वे बिना रेग्युलर केस या बिना पीई के लोगों से पूछताछ नहीं कर सकते।
रक्षा मंत्रालय की एक टीम ने कुछ डॉक्युमेंट्स सीबीआई को सौंप दिए हैं।
कायदे से किसी मंत्रालय से कोई शिकायत मिलने पर सीबीआई के अधिकारी यह
फैसला करते हैं कि उसमें करप्शन के सीधे आरोप लगाए गए हैं या किसी सरकारी अधिकारी
के खिलाफ सीरियस मिस्कंडक्ट के आरोप आदि हैं, जो एजेंसी की परिधि
में आते हैं। शिकायत दर्ज करने के बाद सीबीआई फैसला करती है कि और ग्राउंड वर्क की
जरूरत हो तो पीई दर्ज की जाए और उसके बाद केस दर्ज किया जाए या सीधे एफआईआर दर्ज
की जाए।
सीबीआई की टीम ने गुरुवार को अधिकारियों से 12 AW-101 हेलिकॉप्टर्स के
मामले में किसी भी इंटरनल इंक्वॉयरी से संबंधित फाइलें मांगी हैं।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे वीवीआईपीज़ के लिए भारत ने फरवरी 2010 में 3,600 करोड़ रुपए में 3 इंजन वाले 12
AW-101 हेलिकॉप्टर्स की डील की थी।
सोमवार को इटली की एजेंसियों ने फिनमेकनिका की सबसिडियरी कंपनी
अगस्तावेस्टलैंड के सीईओ जूसिपी ओरसी को इस डील में भारत में दलाली देने के आरोप
में गिरफ्तार किया था।
साभार
टाइम्स ऑफ इंडिया | Feb 16, 2013, 01.52PM IST
नीरज चौहान
http://navbharattimes.indiatimes.com/india/national-india/VVIP-helicopter-scam-Sluggish-CBI-letting-suspects-destroy-evidence/articleshow/18526695.cms
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