घूस का महीने दर महीने भुगतान
नई दिल्ली।। इतालवी कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड (यूके) ने भारत से हेलिकॉप्टर
सौदे को अपने पक्ष में करने के लिए वह सब कुछ किया, जो उससे बन पड़ा।
तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एस. पी. त्यागी तक पहुंच बनाने के लिए कैश के साथ-साथ
लड़कियों का भी इस्तेमाल किया गया था। इटली के प्रॉसिक्यूटर्स द्वारा जमा किए गए
दस्तावेजों में यह बात सामने आई है। इस बीच, सीबीआई जांच पूरी
होने तक भारत सरकार ने इटली की कंपनी को बाकी भुगतान पर रोक लगा दिया है और बचे
हुए 9 हेलिकॉप्टरों की डिलिवरी भी नहीं लेगी।
करीब 3600 करोड़ रुपये के इस सौदे के लिए भारत में 350 करोड़ से ज्यादा
की रिश्वत देने के आरोप में फिनमेकेनिका के सीईओ जूसिपी ओरसी को इटली में सोमवार
को ही गिरफ्तार किया जा चुका है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत
अतिविशिष्ट लोगों के लिए 12 एडब्ल्यू-101 हेलिकॉप्टरों के
लिए इटली की कंपनी से डील हुई है, जिसमें से 3 हेलिकॉप्टरों की
डिलिवरी हो चुकी है और कंपनी को करीब 1200 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका
है।
जांच रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में दलाल का दावा है कि वह
त्यागी के एयर चीफ मार्शल रहते उनसे 6 से 7 बार मिला था। यह
त्यागी के उस दावे के बिल्कुल उलट है, जिसमें उन्होंने माना था कि उनकी मुलाकात
उस व्यक्ति से एक बार हुई थी, जिसे इस सौदे में दलाल बताया जा रहा है।
त्यागी 3600 करोड़ रुपये के इस सौदे में रिश्वत लेने की बात से साफ इनकार कर चुके
हैं।
इटली के जांतकर्ताओं ने त्यागी के रिश्तेदारों जूली, डोस्का और संदीप की
पहचान उन मध्यस्थों के रूप में की है, जिन्होंने फिनमेकेनिका को 3600 करोड़ रुपये की
हेलिकॉप्टर डील दिलाने में मदद की। अगस्ता-वेस्टलैंड फिनमेकेनिका ग्रूप की यूनिट
है। जांचकर्ताओं का कहना है कि त्यागी परिवार को करीब 70 लाख रुपये की
रिश्वत दी गई। दलाली की बाकी रकम आईडीएस इंडिया नामक कंपनी ने सर्विस कॉन्ट्रैक्ट
के जरिए संबंधित लोगों तक पहुंचाए।
इस डील के बिचौलियों की बातचीत का ब्योरा जांचकर्ताओं ने इटली के कोर्ट
में पेश किया है। इसके मुताबिक, दलालों की गर्लफ्रेंड्स के जरिए त्यागी के
रिश्तेदारों से संपर्क साधा गया। खासकर जूली त्यागी से, जिसे इस मामले में
रकम दिए जाने का दावा जांचकर्ता कर रहे हैं। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, डील के लिए त्यागी
परिवार से समझौता हुआ था लेकिन रकम जूली त्यागी को सौंपी गई थी। त्यागी परिवार के
सदस्यों और अगस्ता-वेस्टलैंड के बिचौलियों के बीच दोस्ती की शुरुआत सन् 2001 में हुई थी,
जब
कार्लो गेरोसा इटली में एक शादी में जूली से मिला था। 2000-01 में ही भारतीय
वायुसेना ने अतिविशिष्ट लोगों के लिए वीआईपी हेलिकॉप्टर की मांग रखी थी।
जांच रिपोर्ट से पता चलता है कि जब अगस्ता-वेस्टलैंड को लगा कि वह डील से
बाहर हो सकती है, तो कंपनी ने कार्लो और उसके बॉस राल्फ से संपर्क साधा। ये दोनों एस. पी.
त्यागी के रिश्तेदारों से परिचित थे। दरअसल, अगस्ता-वेस्टलैंड
के हेलिकॉप्टर 18000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान नहीं भर सकते, जबकि वीआईपी
हेलिकॉप्टर के लिए निकाले गए टेंडर में यह शर्त रखी गई थी। बाद में टेंडर में
बदलाव करके हेलिकॉप्टर की उड़ान क्षमता घटाकर 15 हजार फीट कर दी
गई। इससे अगस्ता-वेस्टलैंड को फायदा हुआ और डील उसे मिल गई।
इटली में इस सौदे की जांच के दौरान बताया गया है कि दलाली के प्रभाव में
आकर भारतीय वायुसेना ने न सिर्फ हेलिकॉप्टर की अधिकतम ऊंचाई में उड़ने की क्षमता
की शर्त में बदलाव किया, बल्कि इंजन बंद हो जाने की स्थिति में
उड़ान की जांच की शर्त जोड़ दी गई। टेंडर में शामिल हेलिकॉप्टरों में फिनमेकेनिका
का हेलिकॉप्टर ही तीन इंजन वाला था। 2005 से 2007 के दौरान जब
त्यागी वायुसेना प्रमुख थे, बिचौलियों ने कम से कम छह बार उनसे
मुलाकात की। दो बार उनके रिश्तेदारों के ऑफिस में और एक बार बेंगलुरु एयर शो में,
जिसका
आयोजन हर दो साल पर होता है।
इस बीच इटली में चल रही जांच में अपना नाम आने के बाद त्यागी ने
हेलिकॉप्टर सौदे में इतालवी कंपनी को फायदा पहुंचाने के आरोपों से पूरी तरह इनकार
किया। लेकिन, जांच के दौरान सामने आए सुबूतों से वह इनकार नहीं कर पाए। उन्होंने माना
कि जिन तीन लोगों का नाम जांचकर्ताओं ने लिया है, वे सभी उनके करीबी
रिश्तेदार हैं। इनमें से एक उनका भतीजा है, जिसने उन्हें
कार्लो से मिलवाया था। पूर्व वायुसेना प्रमुख के मुताबिक इस हेलिकॉप्टर सौदे के
लिए टेंडर जरूर उनके समय जारी हुए थे, लेकिन हेलिकॉप्टर के ब्योरे में कोई बदलाव
उनके कार्यकाल में नहीं हुआ। साथ ही यह सौदा भी उनके रिटायर होने के तीन साल बाद
हुआ।
एस. पी. त्यागी ने इस मामले में वाजपेयी सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा
सलाहकार रहे ब्रजेश मिश्र पर उंगली उठा दी है। उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए
कहा, 'खरीदे जाने वाले हेलिकॉप्टर के मानक तय करने में मेरा कोई रोल ही नहीं
था। उड़ान की ऊंचाई के लिए तय मानक 2003 में बदले गए। उस वक्त के राष्ट्रीय
सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्र ने ऐसा करने को कहा था।' यही नहीं, त्यागी के मुताबिक
ठेके का नियम बदलने का फैसला तत्कालीन पीएमओ का था।
साभार
नवभारत टाइम्स.कॉम | Feb 14, 2013,
08.44AM IST
http://navbharattimes.indiatimes.com/india/national-india/italians-took-girlfriend-money-route-to-sp-tyagi/articleshow/18494167.cms
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