Thursday, June 20, 2013

यूरोपियन कमिशन ने रैनबैक्सी पर 10.3 मिलियन यूरो का जुर्माना लगाया


नई दिल्ली।। यूरोपीय यूनियन ऐंटि ट्रस्ट कमिशन ने रैनबैक्सी लैब्स पर 10.3 मिलियन यूरो (80 करोड़ से ज्यादा) का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना ऐंटि डिप्रेशन दवा के जेनेरिक वर्जन को लॉन्च किए जाने में देरी करने पर लगाया गया है। रैनबैक्सी का कहना है कि वह इसके खिलाफ अदालत में अपील दायर करेगी। कमिशन ने यूरोपीय मार्केट में ऐंटि डिप्रेशन दवा साइट्लोप्रैम के जेनेरिक वर्जन का लॉन्च टालने के मामले में रैनबैक्सी लैब्स और डेनमार्क की कंपनी लुंडबेक सहित कई जेनेरिक कंपनियों पर जुर्माना लगाया है।

कंपनी के प्रवक्ता ने बताया, 'रैनबैक्सी यूरोपीय कमिशन के फैसले से निराश है। वह इसके खिलाफ यूरोपीय यूनियन के जनरल कोर्ट में अपील दायर करेगी। ये घटनाएं 10 साल पहले हुई थीं। कंपनी का मानना है कि कमिशन ने तथ्यों को गलत तरीके से समझा और कानून का गलत इस्तेमाल किया।'

यूरोपीय यूनियन कॉम्पिटिशन संस्था ने डेनमार्क की फार्मास्युटिकल कंपनी पर 93. 8 मिलियन यूरो और रैनबैक्सी सहित सभी जेनेरिक फर्मों पर 52.2 मिलियन यूरो की पेनल्टी लगाई है। बाकी जेनेरिक फर्मों में अलफार्मा (अब जोएटिस), मर्ककेजीएए/जेनेरिक्स यूके (जेनेरिक्स यूके अब मायलान का हिस्सा है) और ऐरो (अब यह एक्टाविस का हिस्सा है) शामिल हैं। डेनमार्क की फार्मा कंपनी ने 2002 में जेनेरिक फर्मों के साथ ये समझौते किए थे। यूरोपीय यूनिट ऐंटि ट्रस्ट कमिशन के मुताबिक, इन समझौते से यूरोपीय यूनियन के ऐंटि ट्रस्ट नियमों का उल्लंघन हुआ है।

कमिशन के वाइस प्रेजिडेंट और कॉम्पिटिशन पॉलिसी के इंचार्ज जे अलम्यूनिया ने बताया, 'यह बात स्वीकार नहीं की जा सकती कि कोई कंपनी अपने कॉम्पिटिटर्स को बाजार में घुसने से रोकने के लिए पैसे देकर सस्ती दवाओं की एंट्री में देरी करे। इस तरह के समझौतों से सीधा मरीजों और नैशनल हेल्थ सिस्टम को नुकसान पहुंचता है। कमिशन इस तरह की ऐंटि-कॉम्पिटिटिव हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा।

कमिशन ने जुलाई 2012 में शुरुआती जांच में कहा था कि लुंडबेक और रैनबैक्सी सहित बाकी जेनेरिक फर्मों के साथ सेटलमेंट अग्रीमेंट का मकसद सस्ती जेनेरिक दवाओं की बाजार में एंट्री को रोकना था, जो यूरोपीय यूनिट ऐंटि ट्रस्ट नियमों का उल्लंघन है। यूरोपीय यूनियन कॉम्पिटिशन वॉचडॉग ने जुलाई की जांच में पाया था कि डेनमार्क की कंपनी की दवा साइट्लोप्रैम की पेटेंट एक्सपायरी के बाद इस कंपनी ने चार जेनेरिक फर्मों को इस दवा के सस्ते वर्जन का लॉन्च टालने के लिए पैसे दिए।

कमिशन के बयान में कहा गया है, 'अनुभव बताते हैं कि जेनेरिक कॉम्पिटिशन से दवाओं की कीमत में भारी गिरावट होती है। इससे ब्रैंडेड कंपनी के प्रॉफिट में जबरदस्त कमी आती है, जबकि मरीजों को फायदा होता है।'
साभार:
ईटी ब्यूरो, इकनॉमिक टाइम्स | Jun 20, 2013, 09.00AM IST
http://navbharattimes.indiatimes.com/business/business-news/european-commission-slaps-rs-80-cr-fine-on-ranbaxy/businessarticleshow/20670367.cms

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