Monday, September 16, 2013

श्री सूर्या समूह की चिटफंड चीटिंग: फंसा है नेता, अफसरों का कालाधन

खुद को बचाने में जुटे
मुख्यालय से दस्तावेज बरामद
निवेशकों के 200 करोड़ रुपए से अधिक डूबाने वाले श्री सूर्या इनवेस्ट कंपनी में नेता और अधिकारियों का काला धन लगा है. सच्चाई सामने नहीं आ पाए इस कोशिश में नेता और अधिकारी जुट गए हैं.

श्री सूर्या के विद्यानगर स्थित मुख्य कार्यालय में रविवार को दिन भर चली छानबीन में पुलिस के हाथ कुछ बडे. निवेशकों के दस्तावेज लगने की चर्चा है. पुलिस का सामना होने की आशंका में अधिकांश दस्तावेज पहले ही हटाए जाने का पता चला है. जांच में गोपनीयता बरते जाने से पुलिस मुंह नहीं खोल रही है. इस बीच आयकर विभाग के भी इस मामले पर नजर गड़ाए जाने का पता चला है.

ज्ञात हो कि अपराध शाखा पुलिस ने शनिवार को प्रतापनगर थाने में श्री सूर्या इनवेस्ट कंपनी के समीर जोशी और उसकी पत्नी पल्लवी जोशी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था. पुलिस ने जोशी दंपति के सीताबर्डी, जोशीवाड़ी स्थित मकान, छत्रपति चौक स्थित शाखा कार्यालय और प्रतापनगर के विद्या विहार स्थित मुख्यालय पर छापे मारे थे. पुलिस की जांच शनिवार को देर रात तक चली.

जांच अधिकारी पुलिस निरीक्षक विष्णु भोवे ने रविवार को दिन भर विद्या विहार स्थित मुख्यालय की जांच की. पुलिस को यहां से कैश वाउचर, प्रामिसरी नोट, चेक और निवेशकों से जुडे. दस्तावेज मिले हैं.

जोशी दंपति ने निवेशकों को जमा पर साढे. बाहर प्रतिशत ब्याज देने का झांसा दिया था. शुरुआत में कुछ निवेशकों को ब्याज और जमा राशि वापस लौटाए जाने से लोगों का रुझान बढ. गया. जिसके बाद देखते ही देखते महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों के उद्योगपति और अधिकारी जोशी दंपति के संपर्क में आने लगे.

छह माह से श्री सूर्या की हालत खस्ता चल रही थी. ब्याज भी नहीं मिल रहा था. जोशी दंपति लगातार तरह-तरह का झांसा देकर निवेशकों को टाल रहे थे.

सोमलवाड़ा निवासी अमित मोरे द्वारा धोखाधड़ी की शिकायत करने के बाद समीर जोशी ने निवेशक को मीडिया की खबरों को बेबुनियाद बताते हुएहालात सामान्य होने का झांसा दिया था.
साभार
नागपुर। 15 सितंबर (लोस सेवा)
http://epaper.lokmat.com/lokmatsamachar/epapermain.aspx?queryed=58

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