Saturday, September 21, 2013

पांच बैंकों को ९६६ करोड़ का 'जूम' का झटका

इंदौर: सीबीआई की अनुशंसा पर प्रवर्तन निदेशालय ने जिस जूम डेवलपर्स प्रालि के खिलाफ इन्फोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर)  दर्ज की है उसने २००७-०८ की वैश्विक मंदी की आड़ में भारत की पांच बैंकों को ९६६ करोड़ रुपए का चूना लगाया है।

जांचकर्ता अधिकारियों की मानें तो जूम के संचालक विजय चौधरी ने विदेश में अलग-अलग परियोजनाओं के नाम पर बैंक गांरंटी ली। बाद में गारंटी इनकैश कराई और खुद को दिवालिया साबित कर कर्ज अदायगी के नाम पर हाथ खड़े कर दिए, जबकि बाद में इसी रकम को अलग-अलग फर्मों के नाम से निवेश कर दिया।

सीबीआई ने जो दस्तावेज ईडी को सौंपे हैं, उनके मुताबिक जूम ने २००४ से २००९ के बीच यूरोप और यूएई में अलग-अलग विकास परियोजनाओं के नाम पर बैंक गारंटी के लिए अप्लाय किया। बताया गया कि विदेश में काम मिला है। ७० प्रतिशत राशि का भुगतान होगा पर उससे पहले काम शुरू करने के लिए ३० प्रतिशत राशि की बैंक गारंटी चाहिए। कुल २५ बैंकों के कंसोर्टियम ने राशि मंजूर कर दी। इसी बीच २००८-०९ में मंदी छाई रही जिसकी आड़ लेकर कंपनी ने स्वयं को दिवालिया घोषित कर दिया।

जांचकर्ताओं की मानें तो सच्चाई यह है कि परियोजनाओं के नाम पर बैंक गारंटी ली गई लेकिन बिना काम किए विदेशी वित्तीय संस्थानों की मदद से बैंक गारंटी इनकैश कर ली। बाद में यही राशि उन्हीं देशों में निवेश कर दी गई। इसका खुलासा बैंकों की संयुक्त शिकायत पर २०११ में दिल्ली में जूम डेवलपर्स के खिलाफ मुकदमा कायम करने के बाद सीबीआई द्वारा की गई छानबीन में हुआ। सीबीआई जल्द ही चालान पेश करेगी।

इन बैंकों को लगाई चपत
* यूनाइटेड इंडिया बैंक
* पंजाब एंड सिंध बैंक
* कर्नाटक बैंक
* इलाहाबाद बैंक
* सेंट्रल बैंक आफ इंडिया
* देना बैंक
* यूनियन बैंक आफ इंडिया
* आंध्रा बैंक
* सिंडिकेट बैंक
* बैंक आफ बड़ौदा
* इंडियन ओवरसीज बैंक
* कॉरपोरेशन बैंक
* इंडियन बैंक
* विजया बैंक
* पटियाला बैंक
* स्टेट बैंक आफ बीकानेर एंड जयपुर
* ओरियंटल बैंक आफ कॉमर्स
* यूको बैंक
* स्टेट बैंक आफ हैदराबाद
* कैनरा बैंक
* पंजाब नैशनल बैंक
* स्टेट बैंक आफ त्रावणकोर
* तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड
* फेडरल बैंक
* स्टेट बैंक आफ इंडिया।

सीबीआई को इन बैंकों ने की शिकायत
पंजाब नैशनल बैंक                ४०९ करोड़
यूनियन बैंक आॅफ इंडिया           २३० करोड़
यूनाइटेड इंडिया बैंक               १६७ करोड़
सिंडिकेट बैंक                     ८३ करोड़
कैनरा बैंक                       ७७ करोड़

२०११ में जारी की नॉन प्रोडक्टिव असेट्स
पीएनबी                         ३०० करोड़
इंडियन बैंक                      १२० करोड़
सेंट्रल बैंक                        १०० करोड़
यूनियन बैंक                      ५० करोड़
देना बैंक                         ५६ करोड़
बैंक आॅफ बड़ौदा                   ३६ करोड़
फेडरल बैंक                         १७ करोड़
(पंजाब नैशनल बैंक ने ४५० करोड़ में से ३०० करोड़ रुपए एनपीए घोषित किया था, जो कि वित्तीय वर्ष २०१०-११ के कुल एनपीए राशि का ८ प्रतिशत था। बैंकें मान चुकी थीं कि अब पैसा मिलना ही नहीं है।)
साभार:
विनोद शर्मा
Posted On:Saturday 7/09/2013
http://dabangdunia.co/news.php?newsid=5cdfae39d5b91e33b1d7422ebdcd6437#.UjyWfVONCSo

No comments:

Post a Comment