Monday, May 13, 2013

भूखंड घोटालों का नोएडा-2


फॉर्म हाउस घोटाला माया-राज का

नोएडा में आवंटित करीब डेढ सौ फार्म हाउस की जमीन के सिलसिले में एक बड़ा घोटाला सितंबर 2012 में सामने आया। यूपी सरकार ने इसकी जांच के आदेश दिए लेकिन जांच है कि गोल-गोल घूम रही है। इसकी जांच हुई भी, घोटाले की प्रारंभिक जांच पूरी भी हुई, प्राधिकरण अध्यक्ष राकेश बहादुर ने शासन को रपट भेज भी दी, आवंटन में अनियमितताओं के साक्ष्य मिलने की बात भी कही, लेकिन आगे कुछ हुआ नहीं।

नोएडा में मायावती सरकार ने 2009-10 और 2010-11 में फार्म हाउस योजना के लिए 12 गावों के किसानों की उपजाऊ जमीनें अधिगृहित कर दस-दस हजार वर्ग मीटर के डेढ़ सौ भूखंड सस्ती दरों पर कंपनियों और रसूखदारों को दे दिए।

आरोप है कि अपने खासमखास औऱ चहेतों की तिजोरियां भरने के लिए सरकारी तिजोरी को अरबों रुपए का चूना इन घोटालेबाजों ने लगाया है। मई में औद्योगिक विकास आयुक्त अनिल कुमार गुप्ता को घोटाले की जांच के लिए सरकार ने भेजा। उनकी रपट पर सरकार ने नोएडा प्राधिकरण के अध्यक्ष राकेश बहादुर सिंह से प्रारंभिक जांच करवाई। उन्हें घोटाले के जिम्मेदार अफसरान के नाम भी सामने लाने की जिम्मेदारी दी थी।

जांच में यह साफ हो गया कि प्राधिकरण के मास्टर प्लान के तहत खेती की जमीन सुनियोजित औद्योगिक विकास के नाम पर हासिल की गई लेकिन मानकों की अनदेखी कर कंपनियों ने मनचाहे और बेतरतीब निर्माण किए। जिन्हें जमीन दी गई, उनमें कई मायावती सरकार के करीबी थे। ऐसी कंपनियों को जमीन दी जो सरकार के खासमखास उद्योगपतियों की थीं।

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