Tuesday, December 3, 2013

स्पीक एशिया : मास्टरमाइंड का साथी भी अरेस्ट


दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने देश भर में मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनियों के जरिये लगभग 24 लाख लोगों से 2200 करोड़ की ठगी में एक और गिरफ्तारी की है। गिरफ्तार शख्स की पहचान सतीश पाल (36) के रूप में हुई। पुलिस ने उसे नजफगढ़ इलाके से अरेस्ट किया है। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह मुंबई से दिल्ली भाग आया था। वह स्पीक एशिया के मास्टर माइंड राम सुमीरन पाल का काफी करीबी रहा है। पुलिस पाल पहले ही अरेस्ट कर चुकी है। पुलिस को इस मामले में मास्टर माइंड के भाई की भी तलाश है।

क्राइम ब्रांच के अडिशनल कमिश्नर रवींद्र यादव ने बताया कि पूछताछ के दौरान राम सुमी पाल ने इस बात का खुलासा किया कि इस गोरखधंधे में सतीश पाल भी शामिल रहा है। मुंबई पुलिस को उसकी भी तलाश है। पुलिस ने उससे मिली जानकारी के आधार पर सतीश को नजफगढ़ इलाके से अरेस्ट कर लिया।

पूछताछ से पता चला कि सतीश पाल ने दिल्ली यूनीवर्सिटी से कॉमर्स में ग्रेजुएशन की थी। पढ़ाई खत्म करने के बाद उसने कई कंपनियों में जॉब की। साल 2007 में वह दिल्ली से मुंबई शिफ्ट हो गया था। वहां पर उसकी मुलाकात राम निवास पाल और राम सुमीरन पाल से हुई। इसके बाद उसने उनकी सेवन रिंग्स कंपनी जॉइन कर ली और स्पीक एशिया से भी जुड़ गया। उनके साथ मिलकर उसने इस धंधे से मोटी कमाई कर ली। इसके बाद उसने मलयेशिया में एक कंपनी खरीद ली और परिवार सहित वहीं पर शिफ्ट हो गया। वहां पर उसने रेस्टोरेंट भी शुरू किया। गिरफ्तारी से बचने के लिए सुमीरनपाल भी उसके पास एक महीने तक मलयेशिया में ही रुका था।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन्होंने लोगों का भरोसा जीतने के लिए कई इंटरनैशनल कंपनियां बनाई। इसके बाद इन कंपिनयों में इनवेस्टमेंट के नाम पर 24 लाख लोगों से 2200 करोड़ रुपये ठग लिए। उसने साल 2010 में उसने स्पीक एशिया नाम से इंडिया में कंपनी को लॉन्च किया। इस काम में उसने मनोज शर्मा नामक शख्स की मदद ली।

इसके बाद उसने ऑनलाइन सर्वे मार्केटिंग कंपनी में लोगों को मेंबर बनाना शुरू किया। इसके लिए 11000 रुपये कंपनी के अकाउंट में जमा कराने होते थे। रकम जमा होते ही उसे एक कोड नंबर मिल जाता था। उसने लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए ऑनलाइन दो फॉर्म भी दिए थे। यह फॉर्म प्रत्येक मेंबर को भरना होता था। लोगों को यह बताया जाता था कि उसे हर महीने 4000 रुपये मिलने लगेंगे। इतना ही नहीं यह वह किसी को कंपनी से जोड़ता है तो उसके ऊपर भी उसे एक हजार रुपये का कमीशन मिलेगा। इस तरह से भर में लाखों लोग उसके इस नेटवर्क में शामिल हो गए।

लोगों को जब ठगे जाने का एहसास हुआ तो उन्होंने पुलिस कंप्लेंट की। उकसे खिलाफ सबसे ज्यादा केस मुंबई में दर्ज है। मुंबई पुलिस 210 बैंक अकाउंट सीज कर चुकी है। इन अकाउंट में कंपनी के 142 करोड़ रुपये जमा है। यही नहीं करीब 150 बैंकों के अकाउंट की जांच की जा रही है।
साभार
नवभारत टाइम्स | Nov 28, 2013, 02.04AM IST, नई दिल्ली
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/26486692.cms

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