Sunday, October 6, 2013

कांकेर पुलिस का अभयदान प्राप्त, सटटा जैसा करोबार नान बैकिंग कंपनी का !


जिस प्रकार सटटा का करोबार कानून की नजर में अपराध है। उसमें सटटा खेलने वाला कभी शिकायत नही करता अवैध शराब का करोबार अवैध है, जिसमें शराबी शिकायत नही करता। उसी प्रकार बीना आरबीआई के प्रमाण पत्र के बिना किसी भी कंपनी को जनता में धन परिचालन करोबार यानि विभिन्न योजनाओं में जमा राशि स्वीकार करना व उस पर ब्याज देना भी गैर कानूनी  करोबार होता है। 

जिस प्रकार से आज सटटा, जुआ अवैध रूप से चल रहा है, जंहा पर ऐसे लोग पैसा लगाते है, जंहा कम समय में ज्यादा ब्याज पाने की लालसा रखते है। इनके एजेंन्ट के गिरफत में भोले-भाले लोग कस कर अपना लाखों रूपये इनकी कंपनियों में जमा कर देते है, बाद में इनकी कंपनियां अपना दफतर बंद कर देती है, और भाग जाती है, तब वंही निवेशकों को अभाव होता है कि हम तो ठगी का शिकार हो चुके है। अनमोल प्राईवेट लिमेटेट कंपनी का करोबार भी सटटा और जुमा जैसा ही चल रहा है।

कांकेर  फर्जी रूप से चल रही अनमोल फुडस प्राईवेट लिमेटेट नान बैकिंग कंपनी। आम लोगों को ठगी करना है पैसा कमाना है? तो फिर एक कंपनी बना लो जिसका रजिस्टशन कंपनी रजिस्टशन ग्वालियर से हो जाऐगी। इसके बाद आप की कंपनी जनता में कोई भी योजना लाकर करोडो रूपये का करोबार कर सकती है। ऐसे ही फर्जी तरीके से चल रहा नान बैकिंग का करोबार कंाकेर जिला मुख्यालय में धडले से जारी है। ऐसे एक फर्जी नान बैकिंग कंपनी का संचालन पिछले कुछ सालों से कंाकेर जिला मुख्यालय में चल रहा है, इस फर्जी नान बैकिंग कंपनी का नाम है अनमोल प्राईवेट लिमेटेट यह कंपनी बकायदा मासिक/वार्षिक योजना लाती है, और उसी पर काम व व्यापार संचालित कर रही है।

अनमोल प्राईवेट लिमेटेट कंपनी के पास ना तो रियेल स्टेट का करोबार संचालन करने का अधिकार है, और ना ही नान बैकिंग करोबार करने का संचालन करने का भारतीय रिजर्व बैंक से नान बैकिंग विभागद्ध का प्रमाण पत्र, और ना ही किसी बिमा कंपनी का बैधानिकता। सवाल यह उठता है कि इस कंपनी पर ना तो कांकेर  पुलिस का लगाम है? और ना प्रशासन का पुलिस प्रशासन भी लूट-खसौट करने के लिए इस कंपनी को छूट दे कर रखी है।

जिला मुख्यालय में संचालित अवैध रूप से अनमोल प्राईवेट लिमेटेट कंपनी पुरी तरह बैकिंग का करोबार कर रही है, यह कंपनी कई बार भाग भी चुकी है....तथा बंद भी हो चुकी है..लेकिन कंाकेर पुलिस द्वारा अभय दान प्राप्त होने तथा मिडिया की आड मंे ये क्षेत्र के भोले-भाले आदिवासियों को अपना शिकार बना कर लूट खसौट कर रही है। जिस पर लगाम नही कसा गया तो करोडों रूपये हजम कर यह कंपनी भाग सकती है?
साभार
शनिवार, 30 मार्च 2013
http://bastarprahri.blogspot.in/2013/03/blog-post_30.html

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