- फुटपाथ पर धंधा करने वाले कुछ ही वर्षों में अरबपति तो बन गए, लेकिन प्रशासन की कार्रवाई होते ही शहर और मुल्क छोड़कर चले गए चिटफंड
कारोबारी।
जनता
को पैसा दोगुना-तीन गुना करने का लालच देकर अवैध बैकिंग कर रहे चिटफंड कारोबारी
ग्वालियर के जिला एवं पुलिस प्रशासन से भागे-भागे फिर रहे हैं। देशभर में चिटफंड
का नेटवर्क फैलाकर ग्वालियर से कारोबार चला रहे इन लोगों पर कलेक्टर व एसपी ने न
सिर्फ इन कंपनियों के दफ्तर सील कर दिए बल्कि उनकी गिरफ्तारी पर इनाम भी घोषित कर
दिया है और गिरफ्तारी के डर से ये कथित अरबपति देश के दूसरों शहरों या दुनिया के
दूसरे मुल्कों में अंडरग्राउंड हो गए हैं।
यह कार्रवाई अब एक बड़े पैमाने पर चल रही है। पहले
ग्वालियर कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने इन कंपनियों के दफ्तरों पर छापामार कार्रवाई
कराकर रिकार्ड जब्त कराया था, लेकिन इस कार्रवाई में निचले
स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से अधिक सफलता हासिल नहीं हो सकी थी और फिर कलेक्टर
ने दो माह पहले सभी कंपनियों के दफ्तर सील कराए और समूचा रिकार्ड जब्त कर लिया।
ऐसा होने के साथ ही इन चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले लोग सामने आ गए और
धीरे-धीरे प्रशासन के पास हजारों की संख्या में निवेशक पहुंचकर पैसा वापिसी का
आवेदन देकर आए।
जब
प्रशासन और शासन में बैठे लोगों की आंखे खुली कि अकेले ग्वालियर में चिटफंड का
कारोबार हजारों करोड़ों रुपए का है। इसका पता चलते ही कलेक्टर त्रिपाठी ने इन
कंपनियों की चल-अचल संपत्ति कुर्क करने के लिए आदेश जारी कर दिए और अब तक अरबों
रुपए की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। जिसकी नीलामी कराकर प्रशासन निवेशकों की
राशि मय ब्याज के देने की तैयारी कर रहा है।
इनाम
घोषित,
सम्मन जारी
रिजर्व
बैंक की अनुमति के बिना लोगों से पैसा जमा
करा रही इन चिटफंड कंपनियों के सीएमडी व डायरेक्टरों के खिलाफ पुलिस प्रशासन ने
लाखों रुपए का इनाम घोषित कर दिया है और उच्च अधिकारियों ने इनकी गिरफ्तारी के लिए
इन धनकुबेरों के घर व दूसरे ठिकानों पर दबिश भी दी, लेकिन कोई
नहीं मिला। बताया जा रहा है कि ये चिटफंड कारोबारी देश व देश के बाहर शिफ्ट हो गए
हैं। जिनमें से दो बड़े कारोबारी चीन और सिंगापुर में हैं। इसके अलावा न्यायालय से भी कई चिटफंड
कारोबारियों के सम्मन जारी हो चुके हैं, लेकिन कई माह बीत
जाने के बाद भी सम्मनों की तामील नहीं हो सकी हैं।
इन
कंपनियों पर तालाबंदी
म.प्र.
लोक विकास फायनेंस लिमिटेड,
समृद्घि जीवन फूड्स इंडिया लि.
गरिमा रियल इस्टेट एण्ड अलाइड,
सक्षम डेयरी एण्ड अलाइड लिमिटेड,
ग्रीन ङ्क्षफगर्स एग्रो लैण्ड मैंटिनेंस एक्स प्रायवेट लिमिटेड,
रायल सन मार्केङ्क्षटग एण्ड इंश्योरेंस सॢवसेज,
स्थायी लॉर्क लैण्ड डवलपर्स एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडिया लिमिटेड,
आधुनिक हाउङ्क्षसग डवलपमेंट प्रा.,
जीवन सुरभि डेयरी एण्ड एलाइड,
परिवार डेयरी एण्ड अलाइड लि.,
जेएसव्ही डवलपर्स इंडिया लि.,
केएमजे लैण्ड डवलपर्स ई. लि.
इंडिया रियल एस्टेट,
मधुर रियल एस्टेट एण्ड अलाइड,
बी.पी.एन. रीयल एस्टेट एण्ड एलाइड,
प्रवचन डेयरी एण्ड एलाइड लि.
अनोल सहारा मार्केङ्क्षटग इंडिया लि.,
के.बी.सी.एल. प्रायवेट लि.,
जी.एन. लैण्ड डवलपर्स,
किम फ्यूचर विजन,
पी.एसी.एल इंडिया लि.,
एम के डी लैण्ड डेवलपर्स इंडिया लि.,
कमाल इंडिया रीयल एस्टेट एण्ड एलाइड लि.,
सार्थक इंडिया लि.
आर. बी. एन. लि. ललितपुर कॉलोनी,
सांई प्रसाद फूडस इंडिया लि.,
गालव लीङ्क्षजग एण्ड फायनेंस लि.,
जे.सी.ए. मार्केङ्क्षटग लि.,
चंद्रलोक फायनेंस कंपनी,
स्टेट सिटीजन साख सहकारी मर्या.
मधुर टूरिज्म एण्ड मर्केण्टाइल प्रा. लि.,
मधुर डेयरी एण्ड एलाइड लिमिटेड
रॉयल सन मार्केङ्क्षटग सॢवसेज प्रा. लि.।
समृद्घि जीवन फूड्स इंडिया लि.
गरिमा रियल इस्टेट एण्ड अलाइड,
सक्षम डेयरी एण्ड अलाइड लिमिटेड,
ग्रीन ङ्क्षफगर्स एग्रो लैण्ड मैंटिनेंस एक्स प्रायवेट लिमिटेड,
रायल सन मार्केङ्क्षटग एण्ड इंश्योरेंस सॢवसेज,
स्थायी लॉर्क लैण्ड डवलपर्स एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडिया लिमिटेड,
आधुनिक हाउङ्क्षसग डवलपमेंट प्रा.,
जीवन सुरभि डेयरी एण्ड एलाइड,
परिवार डेयरी एण्ड अलाइड लि.,
जेएसव्ही डवलपर्स इंडिया लि.,
केएमजे लैण्ड डवलपर्स ई. लि.
इंडिया रियल एस्टेट,
मधुर रियल एस्टेट एण्ड अलाइड,
बी.पी.एन. रीयल एस्टेट एण्ड एलाइड,
प्रवचन डेयरी एण्ड एलाइड लि.
अनोल सहारा मार्केङ्क्षटग इंडिया लि.,
के.बी.सी.एल. प्रायवेट लि.,
जी.एन. लैण्ड डवलपर्स,
किम फ्यूचर विजन,
पी.एसी.एल इंडिया लि.,
एम के डी लैण्ड डेवलपर्स इंडिया लि.,
कमाल इंडिया रीयल एस्टेट एण्ड एलाइड लि.,
सार्थक इंडिया लि.
आर. बी. एन. लि. ललितपुर कॉलोनी,
सांई प्रसाद फूडस इंडिया लि.,
गालव लीङ्क्षजग एण्ड फायनेंस लि.,
जे.सी.ए. मार्केङ्क्षटग लि.,
चंद्रलोक फायनेंस कंपनी,
स्टेट सिटीजन साख सहकारी मर्या.
मधुर टूरिज्म एण्ड मर्केण्टाइल प्रा. लि.,
मधुर डेयरी एण्ड एलाइड लिमिटेड
रॉयल सन मार्केङ्क्षटग सॢवसेज प्रा. लि.।
इसलिए
हुई कार्रवाई
जिले
में अवैध ढंग से आम जनता से धन उगाही का कारोबार किए जाने की शिकायतें मिलने पर
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने पुलिस से जाँच कराई थी। पुलिस द्वारा जाँच
प्रतिवेदनों में बताया गया था कि उक्त कंपनियां भारतीय रिजर्व बैंक में पंजीयन
संबंधी कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सकी हैं। विदित हो कि भारतीय रिजर्व बैंक
अधिनियम 1934 की धारा 45 - आई ए के अनुसार कोई भी नॉन बैंङ्क्षकग
कंपनी रिजर्व बैंक में पंजीयन कराये बगैर आम जनता से धन संग्रहण व निक्षेप स्वीकार
नहीं कर सकती।
पुलिस
ने जाँच प्रतिवेदनों में यह भी स्पष्ट किया था कि उक्त कंपनियों द्वारा कारोबार
शुरू करने से पूर्व म.प्र. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत सक्षम अधिकारी को भी सूचित नहीं किया गया है। कंपनियों के पास
इतनी चल - अचल संपत्ति व जमा अंश पूंजी होने के कागजात भी नहीं मिले हैं, जिनसे निक्षेपकों से प्राप्त हुये धन को करार या वायदे के मुताबिक समय
सीमा में वापस किया जा सके।
साभार
ग्वालियर
ब्यूरो
http://www.sabkikhabar.com/archive/index.php?news=23
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