Sunday, October 6, 2013

आखिर बीपीएन टाइम्स में ताला लगा - पत्रकारों के सामने रोजी रोटी की समस्या

ग्वालियर के पत्रकार जगत को एक और झटका लगा है। शनिवार को जिला प्रशासन ने दैनिक बीपीएन टाइम्स व मासिक पत्रिका बीपीएन टुडे के कार्यालय को सील कर दिया। पिछले दो माह में ग्वालियर में तीन मीडिया समूहों पर जिला प्रशासन की कार्रवाई की गाज गिरी है। यह सभी मीडिया समूह चिडफंड का व्यवसाय करने वालों के थे। इसके पहले जिला प्रशासन ने केएमजी न्यूज और परिवार टुडे के कार्यालय सील किए थे।

चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए शनिवार को जिला प्रशासन की टीम ने बीपीएन टाइम्स व बीपीएन टुडे के कार्यालय को भी सील कर दिया। फिलहाल कंपनी की पिं्रटिंग प्रेस सील करने की कार्रवाई नहीं की गई। कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार ने शारदा विहार स्थित कार्यालयों पर ताला लगा दिया। कार्रवाई के दौरान विरोध न हो इसके लिए पुलिस बल भी मौजूद था।

चिटफंड कंपनी बीपीएन रियल एस्टेट एंड एलाइंड व सनसाइन इंफ्रा बिल्ड की संपत्तियों को कुर्क करने संबंधी आदेश शुक्रवार को कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने तहसीलदार आरके पांडे को दे दिए थे। आदेश के पालन में शनिवार को शारदा विहार स्थित अभ्यंक कॉम्पलेक्स में मौजूद बीपीएन टाइम्स व बीपीएन टुडे का दफ्तर सील कर दिया गया।

कार्रवाई को अंजाम देने के लिए दोपहर करीब एक बजे तहसीलदार आरके पांडे, यूनिवर्सिटी थाना प्रभारी एमके सिंह के साथ दल-बल लेकर अभ्यंक कॉम्पलेक्स पहुंचे। यहां पहुंचते ही अधिकारियों ने दफ्तर को सील करने की कार्रवाई शुरू की गई। दफ्तर के अंदर कम्प्यूटर, पिं्रटर व फर्नीचर इत्यादि सामान मौजूद था। सबसे पहले कार्यालय के अंदर और फिर बाहर के मुख्य द्वारा पर ताला जड़ा गया। इस कार्रवाई में करीब डेढ़ घंटे का समय लगा और दोपहर ढाई बजे अधिकारी वापस लौट गए।

मालिक फरार :  
बीपीएन टाइम्स व टुडे  के संचालक वकील सिंह बघेल, संजीव सिंह बघेल, बीएल बघेल, एसएस पाल, राजवीर सिंह  बघेल तथा एक अन्य फरार हो गए हैं। प्रशासन द्वारा चिटफंड कारोबारियों पर मामला कायम होने के फौरन बाद ही दो-दो हजार रुपए का इनाम भी घोषित है।
साभार
http://www.sabkikhabar.com/archive/index.php?news=127

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