दिल्ली. उचतम यायालय ने शारदा चिटफंड घोटाले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर केंद्र और बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया है. प्रधान यायाधीश यायमूर्ति अल्तमस कबीर की पीठ ने देश में चिटफंड योजनाओं के नियमन के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी को अधिक ताकत देने के लिए दायर याचिकाओं को लेकर भी दूसरी राय सरकारों और केंद्र को नोटिस दिया.
देश की सबसे बड़ी अदालत ने प्रीतम कुमार सिंह रे तथा सुब्रत चटर्जी की ओर से दायर 2 याचिकाओं पर आदेश पारित किया. इन दोनों याचिकाओं में देश में चिटफंड के कारोबार पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने और आगे पैसे को एका करने पर तकाल रोक लगाने की मांग की गई थी.
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उहें पुलिस अधिकारियों में कोई विश्ïवास नहीं है. भारी मुनाफे का लालच देकर निवेशकों को फंसाने वाली योजनाओं पर कार्रवाई के तहत सेबी ने 2 कंपनियों और उसके डायरेटरों के कामकाज पर रोक लगा दी है.
इनके फंड ट्रांसफर प्रापर्टी के ट्रांसफर और बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है. सेबी ने पाया कि साई प्रसाद प्रापर्टीज और साई प्रसाद फूड्स मयप्रदेश में जमीन खरीद-बिक्री के नाम पर अवैध तरीके से सामूहिक निवेश योजनाएं चला रही थी.
कंपनी लोगों को 15 से 20 फीसदी सालाना रिटर्न का वादा कर उनसे निवेश के पैसे ले रही थी. अंतरिम कदम उठाने की तकाल जरूरत है ताकि किसी निवेशक के साथ धोखाधड़ी न हो. कंपनियों को सेबी के साथ रजिस्ट्रेशन कराए बिना सामूहिक निवेश योजना से संबद्ध योजनाएं नहीं चलाना चाहिए.
साभार:
http://www.navabharat.biz/index.php/notice93
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