पीएसीएल एक ऐसी कंपनी है जिसका कारोबार बताया जाता है हजारों करोड़ में, पीएसीएल एक ऐसी कंपनी है जो बताती है कि उसके पास हजारों एकड़ जमीन है, पीएसीएल एक ऐसी कंपनी है जो बताती है कि उसके पास सैंकड़ों करोड़ रुपए की संपत्ति है... लेकिन मजेदार तथ्य यह है कि इस कंपनी को महज 17.40 करोड़ रुपए का कर्ज एक बैंक से लेना पड़ता है।
स्कैम्सलीक की जांच में यह पता चला है कि पीएसीएल कंपनी ने 17.40 करोड़ रुपए का कर्ज 29 मार्च 2010 को पंजाब नेशनल बैंक से लिया था।
स्कैम्सलीक के विशेषज्ञों की राय है कि इस कंपनी ने कथित तौर पर भूखंड बेचने के नाम पर जो 20,035.72 करोड़ रुपए की कमाई आम जनता से की है, वह पूरी तरह से जनता का निवेश भर है। कंपनी के खातों की पड़ताल से जानकारी मिलती है कि खातों में 10,076.87 करोड़ रुपयों की जमीन है लेकिन यह सारी की सारी विवादित बताई गई है।
स्कैम्सलीक के पास जो दस्तावेज मौजूद हैं, उनके मुताबिक कंपनी के खाते यह साफ करते हैं कि उसका कारोबार घाटे में चल रहा है। कंपनी का कारोबार चूंकि सही नहीं चल रहा है और उसके पास इतना भी पैसा नहीं है कि वे जमीनों का विकास कर सकें इसके कारण ही उसे बैंक से कर्ज लेने पर मजबूर होना पड़ा है।
इस एकमात्र छोटी सी बात से यह साफ हो जाता है कि कंपनी किस कदर झूठ और फरेब का सहारा लेकर तमाम निवेशकों को बेवकूफ बना रही है। स्कैम्सलीक परत दर परत इस फरेबी कंपनी के झूठ के तारों से बुने जाल के हर हिस्से को तार-तार कर देगा और हजारों निवेशकों के गाड़े पसीने की कमाई को बचाने के महती यज्ञ में अपनी भी एक हवि डालेगा।
स्कैम्सलीक की जांच में यह पता चला है कि पीएसीएल कंपनी ने 17.40 करोड़ रुपए का कर्ज 29 मार्च 2010 को पंजाब नेशनल बैंक से लिया था।
स्कैम्सलीक के विशेषज्ञों की राय है कि इस कंपनी ने कथित तौर पर भूखंड बेचने के नाम पर जो 20,035.72 करोड़ रुपए की कमाई आम जनता से की है, वह पूरी तरह से जनता का निवेश भर है। कंपनी के खातों की पड़ताल से जानकारी मिलती है कि खातों में 10,076.87 करोड़ रुपयों की जमीन है लेकिन यह सारी की सारी विवादित बताई गई है।
स्कैम्सलीक के पास जो दस्तावेज मौजूद हैं, उनके मुताबिक कंपनी के खाते यह साफ करते हैं कि उसका कारोबार घाटे में चल रहा है। कंपनी का कारोबार चूंकि सही नहीं चल रहा है और उसके पास इतना भी पैसा नहीं है कि वे जमीनों का विकास कर सकें इसके कारण ही उसे बैंक से कर्ज लेने पर मजबूर होना पड़ा है।
इस एकमात्र छोटी सी बात से यह साफ हो जाता है कि कंपनी किस कदर झूठ और फरेब का सहारा लेकर तमाम निवेशकों को बेवकूफ बना रही है। स्कैम्सलीक परत दर परत इस फरेबी कंपनी के झूठ के तारों से बुने जाल के हर हिस्से को तार-तार कर देगा और हजारों निवेशकों के गाड़े पसीने की कमाई को बचाने के महती यज्ञ में अपनी भी एक हवि डालेगा।
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