दिल्ली की एक अदालत ने 2,200 करोड़ रुपये से ज्यादा के ‘स्पीक एशिया’ मार्केटिंग घोटाले के कथित मास्टर माइंड रामनिवास पाल को जमानत देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही पिछले साल 16 दिसंबर से उसे गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखने पर दिल्ली पुलिस को आड़े हाथ लिया।
पाल की न्यायिक हिरासत बढ़ाने के मुद्दे पर पुलिस के जवाब से नाराज अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने संबंधित डीसीपी को अगली सुनवाई पर अदालत में मौजूद रहने का निर्देश दिया।
बता दें कि अदालत ने पाल की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान आदेश दिया। इस मामले में रामनिवास पाल और उसके भाई राम सुमिरन पाल ने एक दोस्त के साथ मिलकर कथित तौर पर दिल्ली, मुंबई और अन्य शहरों के करीब 24 लाख निवेशकों को ऑनलाइन मार्केटिंग योजना के जरिए धोखा दिया।
उन्होंने ‘स्पीक एशिया’ योजना की शुरुआत की थी जिसमें लोगों को 11,000 रुपये जमा करने थे और सर्वे फॉर्म भरने थे जिनके ऐवज में उन्हें 52,000 रपये देने का वादा किया गया था।
निवास के वकील अमित कुमार ने इस आधार पर राहत मांगी कि उनके मुवक्किल को 16 दिसंबर, 2013 से अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया है और जांचकर्ताओं ने आज तक उसकी न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग नहीं की।
साभार
भाषा, नई दिल्ली
http://epaper.navbharattimes.com/paper/10-16@16-24@02@2014-1001.html
पाल की न्यायिक हिरासत बढ़ाने के मुद्दे पर पुलिस के जवाब से नाराज अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने संबंधित डीसीपी को अगली सुनवाई पर अदालत में मौजूद रहने का निर्देश दिया।
बता दें कि अदालत ने पाल की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान आदेश दिया। इस मामले में रामनिवास पाल और उसके भाई राम सुमिरन पाल ने एक दोस्त के साथ मिलकर कथित तौर पर दिल्ली, मुंबई और अन्य शहरों के करीब 24 लाख निवेशकों को ऑनलाइन मार्केटिंग योजना के जरिए धोखा दिया।
उन्होंने ‘स्पीक एशिया’ योजना की शुरुआत की थी जिसमें लोगों को 11,000 रुपये जमा करने थे और सर्वे फॉर्म भरने थे जिनके ऐवज में उन्हें 52,000 रपये देने का वादा किया गया था।
निवास के वकील अमित कुमार ने इस आधार पर राहत मांगी कि उनके मुवक्किल को 16 दिसंबर, 2013 से अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया है और जांचकर्ताओं ने आज तक उसकी न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग नहीं की।
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भाषा, नई दिल्ली
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