Wednesday, March 19, 2014

ऑनलाइन सर्वे कंपनियों ने पब्लिक के एक हजार करोड़ लूटे : पुलिस को फर्क नहीं


राजधानी में बीते कुछ सालों में दर्जन भर से ज्यादा ऑनलाइन सर्वे कंपनियां पब्लिक के करीब एक हजार करोड़ रुपए समेटकर चंपत हो गईं और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। दिखावे के लिए गिरफ्तारियां हुईं, लेकिन पब्लिक की डूबी रकम दिलाने के लिए कुछ नहीं किया। दर्जनों शिकायतों को पुलिस ने सिर्फ यह कह कर रफा दफा कर दिया कि पब्लिक ने अपनी मर्जी से कंपनियों में रकम फंसाई अब पुलिस क्या करे?

नई दिल्ली में स्पीक एशिया के रामसुमिरन पाल की गिरफ्तारी के बाद बाकी सर्वे कंपनियों के निवेशकों में भी उम्मीद जागी है। साथ ही राजधानी में स्पीक एशिया का कारोबार देखने वाले दस से ज्यादा फ्रेंचाइजी वालों की धड़कनें भी बढ़ गई हैं। क्योंकि कार्रवाई का शिकंजा उन तक भी पहुंच सकता है। 

वर्ष 2010 में स्पीक एशिया को मिल रहे भारी रेस्पॉन्स को देखकर राजधानी में कुकुरमुत्ते की तरह रामसर्वे कंपनी, जीबी एशिया, अलगल्फ, एरोलाइट, यूनी मैक्सल, एविशो पैसिफिक, यूके एड वर्ल्ड समेत एक दर्जन से ज्यादा कंपनियां सामने आईं। भारी-भरकम मुनाफा दिखाकर इन कंपनियों ने निवेशकों को जम कर ठगा।

जिन्होंने शुरुआत में रकम लगाई उनका पैसा निकाल आया लेकिन जिनकी चेन बनाई उनकी रकम डूब गई। जब एक-एक करके कंपनियां भागने लगीं तो लोगों की शिकायतें सामने आने लगीं। गोमतीनगर, नाका, हजरतगंज, कृष्णानगर और आशियाना में हजारों लोगों ने शिकायतें की, मुकदमा सिर्फ हजरतगंज, नाका और कृष्णानगर में ही दर्ज हुए। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद भी पुलिस कार्रवाई से कतराती रही।

पुलिस ने किया था खेल
जीबी एशिया के संचालक सिराजुद्दीन अंसारी को बचाने के लिए हजरतगंज पुलिस ने खेल भी किया। लेकिन कोर्ट की फटकार ने पुलिस का पूरा खेल बिगाड़ दिया। जीबी एशिया के मालिक को रिमांड पर लेने के लिए मुंबई और गोवा पुलिस ने भी हजरतगंज पुलिस से संपर्क किया था। उसके खिलाफ वहां भी मामले दर्ज थे। संचालक के हाथ लगने के बाद भी पुलिस पब्लिक की रकम नहीं दिला पाई। न ही पुलिस ने ये जानने का प्रयास किया कि निवेशकों की डूबी रकम का कहां निवेश किया गया।

नाका में एविशो कंपनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई। पुलिस ने निचले स्तर के तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन उसके मालिक अनिल द्विवेदी को पुलिस आज तक नहीं तलाश पाई या कह सकते हैं कि तलाशने की कोशिश नहीं की। कृष्णानगर और आशियाना के मामले में भी पुलिस का कुछ ऐसा ही रुख रहा।

निवेशकों की डूबी रकम

स्पीक एशिया - करीब 175 करोड़

जीबी एशिया - करीब 100 करोड़

एविशो - करीब 75 करोड़

रामसर्वे- 120 करोड़
साभार

नवभारत टाइम्स | Nov 28, 2013, 03.41AM IST लखनऊ

http://navbharattimes.indiatimes.com/lucknow/crime/police-didnt-do-anything/articleshow/26486439.cms

रऊफ गाइड भी करता था सटोरियों को


पाकिस्तान अंपायर असद रऊफ क्रिकेट मैचों के दौरान सिर्फ सूचनाएं लीक करने का ही काम नहीं करता था, बल्कि वह सटोरियों का सलाहकार भी था।

मुंबई क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने एनबीटी को यह जानकारी दी। इस अधिकारी के अनुसार, रऊफ अक्सर विंदू दारा सिंह व अन्य सटोरियों को बताता था कि सट्टा ऐसा खेलो कि मामला सेफ रहे। 

कई बार वह यह भी बताता था कि क्या लगाना है और क्या खाना है। उसने काफी मैचों में सट्टा लगाया, पर क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट में इस बात का जिक्र नहीं किया है कि उसने सट्टे में कितना कमाया या कितना गंवाया।

क्राइम ब्रांच इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि रमेश व्यास की जो लाइनें पाकिस्तान या दुबई में कनेक्टेड थीं, कहीं इनमें से कोई लाइन रऊफ के किसी रिश्तेदार या दोस्त से तो जुड़ी हुई नहीं थी। जिन सटोरियों की लाइनें पाकिस्तान और दुबई से जुड़ी हुई थीं, उनमें एक राकेश गंगवाल उर्फ राकेश जयपुर का भी नाम है।

मुंबई क्राइम ब्रांच ने उसके पास से चार मोबाइल जब्त किए थे। इनमें से दो मोबाइल पाकिस्तान और दुबई से जुड़े हुए थे, जबकि दो नंबर लोकल पंटरों और सटोरियों से बात करने के लिए यूज किए जाते थे। पर राकेश जयपुर के वकील अजय दुबे ने एनबीटी को बताया कि उनके मुवक्किल के चारों ये मोबाइल खुद उनके नाम रजिस्टर्ड थे। ऐसे में मुंबई क्राइम ब्रांच ने राकेश जयपुर के खिलाफ जो चीटिंग का केस दर्ज किया है, वह एकदम गलत है। राकेश जयपुर के खिलाफ सिफ गैंबलिंग का केस ही बनता है।
साभार

Sep 25, 2013, 08.30AM IST, सुनील मेहरोत्रा ।। मुंबई

http://navbharattimes.indiatimes.com/mumbai/crime/rauf-also-used-to-guide/articleshow/23010408.cms

बिल्डर को 100 करोड़ का लोन देना भारी पड़ा यूबीआई चेयरपर्सन अर्चना को



नई दिल्ली। एक बड़े बिल्डर को बोर्ड के विरोध के बावजूद 100 करोड़ रूपए का लोन देने की कथित शिकायतों के बाद यूनियन बैंक ऑफ इंडिया(यूबीआई) की चेयरपर्सन अर्चना भार्गव को इस्तीफा देना पड़ा था।

2013 के अंत में बैंक के 10 जनरल मैनेजरों ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और फाइनेंस मिनिस्ट्री को शिकायत की थी कि बोर्ड के विरोध के बावजूद भार्गव ने एक रियल एस्टेट कंपनी को लगभग 100 करोड़ रूपए का लोन दिया है।

यह लोन ऎसे समय में दिया गया था कि जब आरबीआई ने दिसंबर क्वार्टर मैं बैंक के 1,200 करोड़ रूपए से ज्यादा के नेट लॉस की रिपोर्ट देने के बाद एक सिंगल अकाउंट को 10 करोड़ रूपए से ज्यादा का लोन देने पर रोक लगा दी थी। 

बैंक के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर दीपक नारंग ने कहा, "हम काफी दबाव में हैं। हम इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते।"
साभार

Thu Feb 27 2014, 08:15 AM

http://www.patrika.com/news/rs-100-crore-realty-loan-may-have-cost-ubi-chief-archana-bhargava-her-job/990975

Indian ‘arms dealer’ on CBI radar held in UK in bribe case

New Delhi: Alleged arms dealer Sudhir Choudhrie and his son Bhanu were arrested in the UK on Wednesday for their alleged involvement in a bribery scandal involving Rolls-Royce company.

According to preliminary information, the Serious Fraud Office (SFO) of the UK is investigating allegations that Rolls-Royce, which makes aircraft engines and turbines, paid bribes in China and Indonesia to secure contracts, and that Choudhrie was the intermediary for the payments.

The SFO had on December 23 confirmed that its director had opened a criminal investigation into allegations of bribery and corruption at Rolls-Royce. The investigation took a dramatic turn on Wednesday with the arrest of Choudhrie and his son.

Choudhrie has figured in several major defence scandals in India, and was named in at least two FIRs filed by the CBI, and also in its list of about two dozen “undesirable contact men”, who are suspected of manipulating government contracts. Both the FIRs were closed by the CBI saying it had found no concrete evidence to take forward the case.

Choudhrie’s name has also figured in documents filed by Italian investigators into the VVIP helicopter scandal, in which former IAF chief S P Tyagi and his cousins are among those accused of taking bribes to clear the 2010 deal. In documents before courts, senior Finmeccanica executives have claimed that Choudhrie was their middleman for past arms deals in India, before they brought in new agents.

Choudhrie is also a major donor to the UK Liberal Democrat party, and was until recently among the probables to become a member of UK’s House of Lords.

British media reports said Choudhrie and his son Bhanu were arrested on Wednesday. A spokesman for the Choudhries told local media the duo denied all wrongdoing, and were fully cooperating with the investigation. The father-son duo was granted bail without conditions after being questioned for several hours.

Charges that Rolls-Royce paid bribes first emerged almost a year ago when a former employee of the company raised the allegation.

Choudhrie and his family have been living in Chelsea in London almost permanently since 2006, when he was named in CBI FIRs in India. He has at least one farm house and another independent house in Sunder Nagar in Delhi. Over the years, the Choudhries have built up a sprawling legitimate business in the UK, India and elsewhere.
Courtesy:
TIMES NEWS NETWORK
http://epaper.timesofindia.com/Default/Scripting/ArticleWin.asp?From=Archive&Source=Page&Skin=pastissues2&BaseHref=TOIM/2014/02/15&PageLabel=7&EntityId=Ar00701&ViewMode=HTML