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सीए ने चार दशक पुरानी
कंपनी ही लूट ली
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एक निदेशक से
मिल कर की कंपनी की चोरी
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दस्तावेजों में
फर्जी दस्तखत करके हथियाई कंपनी
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सीए और निदेशक
ने करोड़ों की कंपनी कर ली हड़प
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प्रबंध निदेशक
की सालों की मेहनत मिल गई मिट्टी में
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1998 से चल रहा
था कंपनी हथियाने का यह काला खेल
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मुंबई पुलिस की
अपराध शाखा में चल रही है कंपनी चोरी की जांच
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सीएमडी ओके
ऑगस्टी को हुआ एक हजार करोड़ से अधिक का नुकसान
मुंबई। ओएफएस इंडस्ट्रीज प्रा.
लिमिटेड नामक कंपनी के साथ जालसाजी और उसके कारोबारी हितों के खिलाफ काम करने के
आरोप में सीए की सूची से चार्टर्ड अकाऊंटेंट हरीश रामप्पा कंचन की सदस्यता रद्द
करने की सजा डायरेक्टरेट ऑफ डिसिप्लीन (डीओडी) / द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाऊंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने सुनाई है।
आईसीएआई के इतिहास में यह पहला मौका है, जब ऐसा कठोर दंड किसी सीए को डीओडी जैसे शीर्ष
संस्थान के चार वरिष्ठ पैनलिस्ट ने मिल कर सुनाया है।
चार्टर्ड अकाऊंटेंट हरीश रामप्पा
कंचन को कंपनी हड़पने के लिए निदेशक ओके वर्गीज के साथ मिल कर साजिश रचने और
व्यावसायिक दुराचरण का दोषी पाते हुए द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाऊंटेंट्स ऑफ
इंडिया (आईसीएआई) और अनुशासन निदेशालय (डीओडी) ने छह माह के लिए सीए की सूची से चार्टर्ड
अकाऊंटेंट हरीश रामप्पा कंचन की सदस्यता (क्रमांक 036608) व नाम रद्द करने और 50
हजार रुपए का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई थी।
आदेश के साथ आरोपी सीए हरीश
रामप्पा कंचन को भेजे पत्र (क्र. पीआर/02/08/डीडी/29/2008/डीसी/53/09) पर डीओडी के सहायक सचिव शशी महाजन के हस्ताक्षर हैं।
डीओडी के आदेश (क्र. डीडी/29/2008/डीसी/53/09) में कहा है, “आरोपी के काम से यह जाहिर
होता है कि उसने चार्टर्ड अकाऊंटेंट्स के लिए तय मानकों के विपरित कार्य किया है
और इससे चार्टर्ड अकाऊंटेंट्स के प्रति आस्था तोड़ी है। यह भी कहा जा सकता है कि
चार्टर्ड अकाऊंटेंट्स व्यवसाय के लिए बदनामीकारक कार्य किया है।” इस आदेश पर प्रिसाईडिंग ऑफीसर जी. रामास्वामी, सरकारी नामिनी एसके घोष, कमेटी
सदस्य नीलेश एस. विकमसे और सुमंत्र घोष के हस्ताक्षर हैं। इसमें कहा गया है, “डीओडी की राय में एचआर कंचन को चार्टर्ड अकाऊंटेंट्स एक्ट, 1949 की धारा 2 के
भाग चार की पहले अनुदेश, धारा 7 व 8 के भाग एक के दूसरे अनुदेश के तहत व्यावसायिक
दुराचरण का दोषी पाया जाता है।”
आईसीएआई ने सजा के आदेश में कहा
है, “इस मामले में मौखिक और दस्तावेजी सबूत देखने के बाद
यह सामने आया है कि आरोपी ने हद गंभीर व्यावसायिक गड़बड़ियां की हैं। कमेटी को
लगता है कि आरोपी को इस मामले में कठोर सजा दी जानी चाहिए।”
आईसीआईए के आदेश में साफ तौर पर
लिखा है, “चार्टर्ड अकाऊंटेंट्स एक्ट
(अमेंडमेंडेट), 1949 की धारा 21(बी)(3) के तहत अनुशासन समिती ने 50 हजार रुपए का
नकद जुर्माना 30 दिनों के अंदर जमा करने और छह माह तक सीए की सूची से नाम निकाल
देने की सजा सुनाई है।” इस आदेश पर प्रिसाईडिंग
ऑफीसर मनोज फडनीस, सरकारी नामिनी एसपीएस नागर और जोगिंदर सिंह के हस्ताक्षर हैं।
इस मामले में शिकायतकर्ता श्री
ऑगस्टी के मुताबिक उनकी 45 सालों की मेहनत पर कुछ लोगों के लालच ने पानी फेर दिया।
इस हरकत के कारण वे इस कदर टूट गए कि अब तक कोई कारोबार करने की स्थिति में नहीं
रह गए हैं। बरसों तक चले कानूनी मुकदमेबाजी और पुलिस व डीओडी के चक्कर डाटने के कारण
वे न केवल आर्थिक रूप से खस्ताहाल हो गए बल्कि आर्थिक रूप से भी बुरी तरह टूट गए
हैं। श्री ऑगस्टी कहते हैं कि इस धोखाधड़ी के कारण कंपनी को 200 करोड़ रुपए से
अधिक की संपत्तियों व कारोबार का सीधे नुकसान हुआ है। कंचन और वर्गीज द्वारा कंपनी
हड़पने के कारण कारोबार न कर पाने की स्थिति में उन्हें एक हजार करोड़ रुपए से भी
अधिक का नुकसान पिछले कुछ सालों में हुआ है।
श्री ऑगस्टी ने सीए कंचन और कंपनी
के निदेशक ओके वर्गी पर आरोप लगाया कि इन्होंने मिल कर उनके साथ न केवल धोखाधड़ी
की बल्कि जाली हस्ताक्षर किए, नकली दस्तावेज बनाए, शेयर हड़पे, कंपनी की 200 करोड़
रुपए से अधिक की रकम हजम की थी। इसके कारण न केवल हमें आर्थिक नुकसान हुआ बल्कि
सामाजिक एवं पारिवारिक रूप से भी भारी नुकसान हुआ।
श्री ऑगस्टी ने यह भी बताया इस
मामले की जांच मुंबई पुलिस की अपराध शाखा द्वारा की जा रही है। इस बारे में एक
शिकायत पहले ही पुलिस के पास दर्ज की जा चुकी है।
अधिक जानकारी के लिए
संपर्क:
ओके ऑगस्टी,
सीएमडी, ओएफएस इंडस्ट्रीज प्रा.
लि., मुंबई
+91 9870 55 66 99
दस्तावेज की
डिजीटल प्रतियां हासिल करने के लिए देखें - www.mininewswire.com
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