पाकिस्तान
अंपायर असद रऊफ क्रिकेट मैचों के दौरान सिर्फ सूचनाएं लीक करने का ही काम नहीं
करता था, बल्कि वह सटोरियों का सलाहकार भी था।
मुंबई क्राइम
ब्रांच के एक अधिकारी ने एनबीटी को यह जानकारी दी। इस अधिकारी के अनुसार, रऊफ अक्सर विंदू दारा सिंह व अन्य सटोरियों को बताता था कि सट्टा ऐसा
खेलो कि मामला सेफ रहे।
कई बार वह यह भी
बताता था कि क्या लगाना है और क्या खाना है। उसने काफी मैचों में सट्टा लगाया, पर क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट में इस बात का जिक्र नहीं किया है कि
उसने सट्टे में कितना कमाया या कितना गंवाया।
क्राइम ब्रांच
इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि रमेश व्यास की जो लाइनें पाकिस्तान या दुबई में
कनेक्टेड थीं, कहीं इनमें से कोई लाइन रऊफ के किसी
रिश्तेदार या दोस्त से तो जुड़ी हुई नहीं थी। जिन सटोरियों की लाइनें पाकिस्तान और
दुबई से जुड़ी हुई थीं, उनमें एक राकेश गंगवाल उर्फ राकेश
जयपुर का भी नाम है।
मुंबई क्राइम
ब्रांच ने उसके पास से चार मोबाइल जब्त किए थे। इनमें से दो मोबाइल पाकिस्तान और
दुबई से जुड़े हुए थे, जबकि दो नंबर लोकल पंटरों और सटोरियों
से बात करने के लिए यूज किए जाते थे। पर राकेश जयपुर के वकील अजय दुबे ने एनबीटी
को बताया कि उनके मुवक्किल के चारों ये मोबाइल खुद उनके नाम रजिस्टर्ड थे। ऐसे में
मुंबई क्राइम ब्रांच ने राकेश जयपुर के खिलाफ जो चीटिंग का केस दर्ज किया है, वह एकदम गलत है। राकेश जयपुर के खिलाफ सिफ गैंबलिंग का केस ही बनता
है।
साभार
Sep 25, 2013, 08.30AM IST, सुनील मेहरोत्रा ।। मुंबई
http://navbharattimes.indiatimes.com/mumbai/crime/rauf-also-used-to-guide/articleshow/23010408.cms
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